मध्य प्रदेश के जबलपुर में स्थित भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी, डिज़ाइन एवं विनिर्माण संस्थान (IIITDM) से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। गर्ल्स हॉस्टल की एक छात्रा द्वारा अपने बाथरूम के अंदर बनाया गया Nude Video सोशल मीडिया पर वायरल होने से पहले ही पकड़ में आ गया, लेकिन इसका असर संस्थान की छवि और छात्राओं की सुरक्षा पर साफ दिखा।
सबसे पहले एक सीनियर छात्रा ने प्रशासन को बताया कि उसकी जूनियर रूममेट उसे नहाते वक्त मोबाइल से रिकॉर्ड कर रही थी। इस पर संदेह जताते हुए जब हॉस्टल वार्डन ने छात्राओं के मोबाइल की जांच कराई, तो दूसरे वर्ष की छात्रा के फोन में कई न्यूड विडिओ क्लिप्स बरामद हुए।
कबूलनामे से खुला राज: न्यूड विडिओ भेजती थी बॉयफ्रेंड को
पूछताछ में आरोपी छात्रा ने माना कि वह बीते दो सालों से गर्ल्स हॉस्टल की कई छात्राओं के न्यूड विडिओ बना रही थी और इन्हें दिल्ली में रहने वाले अपने बॉयफ्रेंड को भेजती थी। यह खुलासा होते ही संस्थान और पुलिस दोनों में खलबली मच गई।

छात्राओं का गुस्सा: न्यूड विडिओ ने तोड़ी विश्वास की दीवार
मामला सामने आते ही गर्ल्स हॉस्टल की करीब 400 छात्राओं में आक्रोश फैल गया। छात्राएं डुमना पुलिस चौकी पहुंची और आरोपी के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की मांग करने लगीं। उनका कहना था कि न्यूड विडिओ जैसे मामलों से लड़कियों की गरिमा और सुरक्षा पर सीधा खतरा पैदा होता है।
पुलिस की त्वरित कार्रवाई: इलेक्ट्रॉनिक सबूत जब्त
पुलिस ने आरोपी छात्रा को हिरासत में लेकर उसका मोबाइल, लैपटॉप और अन्य गैजेट जब्त कर लिए। शुरुआती जांच में सामने आया कि उसने न्यूड विडिओ क्लाउड और डिवाइस दोनों से डिलीट कर दिए थे। अब साइबर फॉरेंसिक टीम डेटा रिकवरी में जुटी है ताकि और छात्राओं के साथ हुई निजता भंग की घटनाओं का पता चल सके।
कानूनी धाराएं और संभावित सजा: न्यूड विडिओ पर सख्त कानून
इस मामले में IPC की धारा 354C (वॉयरिज़्म), 294 (अश्लीलता), 500 (मानहानि), 509 (महिला की गरिमा का अपमान) और IT एक्ट की धाराओं में केस दर्ज किया गया है। यदि न्यूड विडिओ बनाने और फैलाने के आरोप सिद्ध हो जाते हैं, तो आरोपी को कई वर्षों की जेल और भारी जुर्माने का सामना करना पड़ सकता है।

IIITDM प्रशासन की प्रतिक्रिया: जांच समिति गठित
संस्थान की प्रभारी निदेशक डॉ. अपराजिता ओझा ने बताया कि एक तीन-सदस्यीय प्रोफेसर समिति बनाई गई है, जो पूरे न्यूड विडिओ कांड की जांच कर रही है। उन्होंने स्पष्ट किया कि छात्राओं की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है और किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा।
डिजिटल सबूतों की पड़ताल: Nude Video क्लाउड से हटाने की कोशिश
पुलिस को शक है कि आरोपी छात्रा ने जानबूझकर सबूत मिटाने की कोशिश की। न्यूड विडिओ को डिलीट करने के बावजूद फॉरेंसिक टीम क्लाउड सर्विस और डिवाइस स्टोरेज से डेटा रिकवर करने की कोशिश कर रही है।

छात्राओं की मांगें: निजता के अधिकार की सुरक्षा जरूरी
छात्राओं ने प्रशासन से मांग की है कि हॉस्टल में CCTV बढ़ाए जाएं, बाथरूम और प्राइवेट जगहों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए और न्यूड विडिओ जैसे मामलों पर तत्काल सख्त कदम उठाए जाएं। कई छात्राओं ने काउंसलिंग सुविधा, मोबाइल चेकिंग, और डिजिटल एथिक्स सेशन की मांग भी रखी है।
सोशल मीडिया पर नाराजगी: न्यूड विडिओ ट्रेंड बन गया
जैसे ही ये खबर फैली, सोशल मीडिया पर #NudeVideoJabalpur ट्रेंड करने लगा। छात्र और समाज के लोग आरोपियों को कड़ी सजा देने की मांग कर रहे हैं। यह घटना बताती है कि तकनीक के युग में निजता को लेकर सतर्क रहना कितना जरूरी हो गया है।

डिजिटल एथिक्स की ज़रूरत: Nude Video बना चेतावनी
न्यूड विडिओ जैसे मामलों से यह स्पष्ट है कि छात्रों को डिजिटल नैतिकता और कानून की जानकारी देना अब संस्थानों की ज़िम्मेदारी बन चुकी है। जागरूकता अभियान, साइबर सुरक्षा वर्कशॉप और मनोवैज्ञानिक सहयोग से ही ऐसे मामलों को रोका जा सकता है।
भविष्य की राह: शिक्षा संस्थानों को क्या करना होगा?
- न्यूड विडिओ जैसे मामलों की जांच के लिए हर संस्थान में सख्त नीति होनी चाहिए।
- हॉस्टल परिसर में सुरक्षा प्रोटोकॉल और सीसीटीवी सिस्टम अनिवार्य बनें।
- छात्रों को गोपनीयता, साइबर क्राइम और डिजिटल अधिकारों के बारे में जागरूक करना जरूरी है।
- छात्राओं की नियमित काउंसलिंग से मानसिक स्वास्थ्य भी मजबूत होता है, जिससे वे समय रहते रिपोर्ट कर सकें।
निष्कर्ष: Nude Video MMS कांड एक गंभीर चेतावनी
IIITDM जबलपुर का Nude Video कांड सिर्फ एक संस्थान की नहीं, पूरे समाज की चेतावनी है। टेक्नोलॉजी के इस युग में जहां एक क्लिक में किसी की निजता भंग की जा सकती है, वहां संस्थानों और सरकार दोनों को मिलकर कठोर कदम उठाने होंगे। ऐसे मामलों में निष्पक्ष और त्वरित न्याय से ही पीड़ितों का विश्वास बहाल हो सकता है।
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