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Delhi News: जामिया में कश्मीरी छात्रा से छेड़छाड़ — सुरक्षा पर उठे गंभीर सवाल

On: Thursday, May 1, 2025 9:41 PM
Delhi News
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Delhi News Update: देश की राजधानी दिल्ली स्थित जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय में 27 अप्रैल 2025 की रात एक बेहद चिंताजनक घटना सामने आई। विश्वविद्यालय के गेट नंबर 8 के पास एक कश्मीरी छात्रा के साथ छेड़छाड़ की घटना ने न केवल विश्वविद्यालय की सुरक्षा प्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए, बल्कि पूरे देश में महिला सुरक्षा को लेकर बहस भी तेज़ कर दी है।

इस शर्मनाक घटना में आरोपी को मौके पर ही गिरफ्तार कर लिया गया, लेकिन इससे पहले जो हुआ वह सोचने पर मजबूर करता है कि क्या देश की राजधानी में भी छात्राएं सुरक्षित नहीं हैं?

JMI

Delhi News: घटना का विस्तृत विवरण

यह घटना शनिवार रात करीब 9:30 बजे की है, जब कश्मीरी मूल की एक छात्रा विश्वविद्यालय के मेन गेट की ओर जा रही थी। उसी समय कैंपस की कैंटीन में काम करने वाला 22 वर्षीय कुक, आबिद — जो हरियाणा के नूंह जिले का निवासी है — छात्रा के पास आया और अश्लील हरकतें करने लगा।

छात्रा ने तत्काल विरोध किया और संयोगवश आसपास मौजूद छात्रों ने तुरंत हस्तक्षेप करते हुए आरोपी को पकड़ लिया। इसके बाद जामिया की प्रॉक्टोरियल टीम और सिक्योरिटी गार्ड्स ने दिल्ली पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने तुरंत मौके पर पहुंचकर आरोपी को हिरासत में ले लिया।

पुलिस कार्रवाई और विश्वविद्यालय का रुख

Delhi Police ने छात्रा की लिखित शिकायत के आधार पर भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 74 और 75 (पूर्व में IPC की धारा 354 और 354A) के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है। आरोपी से पूछताछ की जा रही है और उसे न्यायिक हिरासत में भेजा गया है।

वहीं, विश्वविद्यालय प्रशासन ने इस Delhi News घटना को ‘बेहद निंदनीय’ बताया और कहा कि जामिया परिसर में महिलाओं की सुरक्षा के लिए ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति अपनाई गई है।

JMI Kashmiri Student Molestation

Delhi News: छात्रों और संगठनों की प्रतिक्रिया

ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (AISA) और स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (SFI) ने इस घटना की कड़ी निंदा की और सुरक्षा में भारी चूक के लिए प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया। AISA ने आरोप लगाया कि सुरक्षा कर्मी मौके पर मौजूद थे, लेकिन उन्होंने कोई हस्तक्षेप नहीं किया। वहीं JKSA ने छात्र सहायता के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं।

प्रशासन की प्रतिक्रिया और एहतियाती कदम

जामिया प्रशासन ने एक बयान जारी कर कहा कि “विश्वविद्यालय छात्राओं की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देता है।” प्रशासन के अनुसार, आरोपी को पकड़ने में प्रॉक्टोरियल स्टाफ की सक्रिय भूमिका रही और पुलिस को तुरंत सूचना दी गई।कुलपति और रजिस्ट्रार सहित वरिष्ठ अधिकारी लगातार कैंपस की निगरानी कर रहे हैं। पीड़िता को मानसिक और भावनात्मक सहायता के लिए काउंसलिंग भी दी जा रही है।

Delhi News : सुरक्षा प्रणाली पर उठते गंभीर सवाल

इस घटना ने जामिया समेत दिल्ली के अन्य शिक्षण संस्थानों की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। छात्रों का कहना है कि गार्ड्स की तैनाती केवल दिखावे के लिए होती है, जबकि असल में वे सतर्क नहीं रहते।AISA के मुताबिक, “यदि सुरक्षा कर्मी सच में चौकस होते, तो यह घटना कभी नहीं होती।” छात्रों ने कैंपस में बाहरी लोगों के निर्बाध प्रवेश को लेकर भी चिंता जताई है।

Delhi News Analysis: महिला सुरक्षा का सामाजिक पहलू

यह घटना सिर्फ एक संस्थान तक सीमित नहीं है, बल्कि पूरे समाज के लिए एक चेतावनी है। दिल्ली जैसे शहर में भी यदि छात्राएं असुरक्षित हैं, तो छोटे शहरों और ग्रामीण इलाकों की स्थिति का अंदाज़ा सहज ही लगाया जा सकता है।कश्मीरी या अल्पसंख्यक समुदायों से आने वाली छात्राओं के लिए यह माहौल और भी असुरक्षित हो जाता है। इससे उनके आत्मविश्वास और करियर दोनों पर नकारात्मक असर पड़ सकता है।

प्रशासन और समाज की सामूहिक जिम्मेदारी

  • विश्वविद्यालयों को चाहिए कि वे सुरक्षा व्यवस्था को प्रोफेशनल और संवेदनशील बनाएं।
  • हर कैंपस कर्मचारी का बैकग्राउंड वेरिफिकेशन अनिवार्य किया जाए।
  • शिकायत निवारण प्रणाली को प्रभावी बनाया जाए और काउंसलिंग की सुविधा बढ़ाई जाए।
  • समाज को महिलाओं के प्रति सम्मान और सुरक्षा की भावना को अपनी सोच का हिस्सा बनाना होगा।

Delhi News: कानूनी प्रक्रिया और भविष्य की राह

Delhi Police ने आरोपी को गिरफ्तार कर उचित धाराओं में केस दर्ज कर लिया है। अब आवश्यकता है कि न्यायिक प्रक्रिया निष्पक्ष और तेज़ हो ताकि पीड़िता को शीघ्र न्याय मिल सके।

यह Delhi News घटना देश के अन्य शिक्षण संस्थानों के लिए भी एक सबक है कि वे अपनी सुरक्षा व्यवस्था की गहन समीक्षा करें और इसे ‘कठोर वास्तविकता’ के अनुरूप बनाएँ।

निष्कर्ष:

जामिया मिल्लिया इस्लामिया में कश्मीरी छात्रा के साथ हुई छेड़छाड़ की यह घटना केवल एक छात्रा या एक विश्वविद्यालय तक सीमित नहीं है, बल्कि यह पूरे देश के शैक्षणिक संस्थानों और समाज की मानसिकता पर सवाल उठाती है।

जब तक प्रशासन और समाज दोनों मिलकर महिला सुरक्षा को लेकर गंभीर नहीं होंगे, तब तक ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति होती रहेगी।

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