कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (CUET 2025) एक राष्ट्रीय स्तर की प्रवेश परीक्षा है जिसे नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) द्वारा आयोजित किया जाता है। इसका उद्देश्य छात्रों को देशभर की प्रमुख केंद्रीय, राज्य, डीम्ड और निजी विश्वविद्यालयों में स्नातक (UG) पाठ्यक्रमों में प्रवेश दिलाना है।
पहले यह परीक्षा “CUCET” के नाम से जानी जाती थी, लेकिन 2021 से इसे CUET का नाम दिया गया है। यह एक समान और पारदर्शी मंच प्रदान करती है, जिससे छात्रों को मेरिट के आधार पर श्रेष्ठ संस्थानों में पढ़ने का मौका मिलता है।
CUET की मार्किंग स्कीम
CUET की मार्किंग स्कीम को इस प्रकार से तैयार किया गया है कि यह निष्पक्ष मूल्यांकन सुनिश्चित करे:
- सही उत्तर पर: +5 अंक मिलते हैं।
- गलत उत्तर पर: -1 अंक काटा जाता है।
- कोई उत्तर नहीं देने पर: 0 अंक।
परीक्षा कई शिफ्ट्स में होती है, इसलिए सभी उम्मीदवारों के स्कोर को तुलनात्मक बनाने के लिए नॉर्मलाइजेशन प्रोसेस अपनाया जाता है।
अंतिम स्कोर की गणना:
(सही उत्तरों की संख्या × 5) – (गलत उत्तरों की संख्या × 1)

किन विश्वविद्यालयों में होता है CUET से एडमिशन?
CUET स्कोर के आधार पर देशभर के प्रमुख विश्वविद्यालयों में दाखिला मिलता है। इसमें शामिल हैं:
- केंद्रीय विश्वविद्यालय: दिल्ली यूनिवर्सिटी, जेएनयू, बीएचयू, जामिया मिल्लिया इस्लामिया, एएमयू, हैदराबाद यूनिवर्सिटी आदि।
- राज्य विश्वविद्यालय: विभिन्न राज्यों के सरकारी विश्वविद्यालय जैसे राजस्थान, बिहार, मध्य प्रदेश आदि के संस्थान।
- डीम्ड और प्राइवेट यूनिवर्सिटी: वेल्लोर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, मणिपाल यूनिवर्सिटी, अमृता विश्वविद्यालय आदि।
2025 में अनुमानित 47 केंद्रीय, 26 राज्य, 7 सरकारी संस्थान, 22 डीम्ड और 100 से अधिक निजी विश्वविद्यालय CUET स्कोर को मान्यता दे रहे हैं।

क्या एक से ज्यादा विषयों में परीक्षा दी जा सकती है?
हाँ, छात्र CUET 2025 में एक से अधिक विषयों की परीक्षा दे सकते हैं:
- एक दिन में अधिकतम 4 पेपर की अनुमति होती है।
- छात्र 13 भाषाओं में से किसी को सेक्शन 1A के लिए, 20 में से किसी एक को सेक्शन 1B के लिए, 27 विषयों में से डोमेन विषय और सेक्शन 3 में जनरल टेस्ट का चुनाव कर सकते हैं।
- परीक्षा अलग-अलग शिफ्ट में आयोजित होती है जिससे छात्र अपने अनुसार विषय और समय का चयन कर सकते हैं।
क्या केंद्रीय विश्वविद्यालयों में CUET 2025 अनिवार्य है?

अधिकांश केंद्रीय विश्वविद्यालयों में स्नातक कोर्सेज़ में दाखिले के लिए CUET 2025 स्कोर अनिवार्य है। इसमें दिल्ली यूनिवर्सिटी, जेएनयू, जामिया मिल्लिया इस्लामिया, बीएचयू, एएमयू जैसे संस्थान शामिल हैं।
हालांकि, कुछ निजी और डीम्ड विश्वविद्यालय अपनी अलग प्रवेश प्रक्रिया या अतिरिक्त मानदंड भी लागू कर सकते हैं।
12वीं के अंकों का क्या रोल है?
CUET 2025 आने के बाद अधिकांश विश्वविद्यालयों में एडमिशन के लिए 12वीं के अंकों का सीधा प्रभाव नहीं पड़ता। लेकिन कुछ मामलों में ये मायने रखते हैं:
- योग्यता के लिए: कुछ कोर्सेज़ में न्यूनतम प्रतिशत जरूरी होता है।
- टाई-ब्रेकर: यदि CUET स्कोर समान है, तो 12वीं या 10वीं के अंकों के आधार पर टाई तोड़ा जा सकता है।
- कुछ संस्थानों में: विशेषकर राज्य या डीम्ड विश्वविद्यालयों में प्रोफेशनल कोर्सेज़ के लिए 12वीं के अंक जरूरी हो सकते हैं।
CUET 2025 परीक्षा की प्रमुख बातें
- परीक्षा माध्यम: कंप्यूटर आधारित टेस्ट (CBT)।
- भाषा: हिंदी, अंग्रेज़ी समेत कई क्षेत्रीय भाषाएं।
- अवधि: प्रत्येक सेक्शन के लिए लगभग 60 मिनट।
- परीक्षा समय: मई-जून के बीच।
- प्रयास की सीमा: कोई सीमा नहीं है।
- आवेदकों की संख्या: हर साल 14-15 लाख छात्र आवेदन करते हैं।
CUET 2025 की तैयारी कैसे करें?
- सिलेबस को समझें: चुने गए विषयों का पूरा सिलेबस ध्यान से पढ़ें।
- मॉक टेस्ट दें: समय-समय पर मॉक टेस्ट देकर अपनी स्थिति जांचें।
- समय प्रबंधन: सभी विषयों को सही समय दें।
- पुराने प्रश्न पत्र हल करें: इससे परीक्षा पैटर्न और प्रश्नों की समझ बढ़ेगी।

निष्कर्ष
CUET ने भारत के उच्च शिक्षा परिदृश्य को एकरूप और अधिक पारदर्शी बना दिया है। अब छात्रों को अलग-अलग विश्वविद्यालयों की प्रवेश परीक्षाएं नहीं देनी पड़तीं। एक ही परीक्षा के स्कोर से देश के प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों में एडमिशन पाया जा सकता है।
हालांकि, 12वीं के अंकों का महत्व पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है – ये कुछ कोर्सेज़ में पात्रता या टाई-ब्रेकिंग के लिए अब भी आवश्यक हो सकते हैं। सही रणनीति और नियमित अभ्यास से छात्र CUET में अच्छे अंक प्राप्त कर अपने सपनों की यूनिवर्सिटी तक पहुंच सकते हैं।