10 Red Light Area in India: जानिए भारत में वेश्यावृत्ति का इतिहास, कानून और वर्तमान स्थिति

On: Tuesday, May 13, 2025 9:45 PM
भारत के Red Light Area के अंदर की अनसुनी कहानी!

भारत में देह व्यापार (prostitution) कोई नया विषय नहीं है, बल्कि इसकी जड़ें हजारों साल पुराने इतिहास से जुड़ी हुई हैं। Red Light Area की अवधारणा आधुनिक समय की देन है, लेकिन इसकी संस्कृति की शुरुआत प्राचीन भारत से मानी जाती है। नगरवधु, तवायफ, देवदासी जैसी संस्थाएं इस पेशे के सांस्कृतिक रूप रही हैं, जो धीरे-धीरे वर्तमान स्वरूप में तब्दील हुईं।

प्राचीन काल: नगरवधु और देवदासी परंपरा

भारत के प्राचीन ग्रंथों जैसे मृच्छकटिका में नगरवधु का उल्लेख मिलता है, जहां नगर की सबसे सुंदर और गुणी महिला को यह दर्जा दिया जाता था। ये महिलाएं नृत्य, संगीत और कला की माहिर होती थीं।

इसी तरह, देवदासी प्रथा में कन्याओं को मंदिरों में भगवान को समर्पित किया जाता था, लेकिन कालांतर में वे धार्मिक अनुष्ठानों से हटकर शोषण और देह व्यापार की शिकार बन गईं। समाज में इनकी स्थिति कमजोर होती गई और Red Light Area जैसी अवधारणाओं का बीज बोया गया।

वदासी परंपरा

मध्यकाल: तवायफों की संस्कृति

मुगल काल में तवायफें समाज का एक खास हिस्सा थीं। वे नृत्य, संगीत और शायरी में दक्ष थीं और दरबारों में कुलीन वर्ग का मनोरंजन करती थीं। 18वीं शताब्दी के बाद, मुगल साम्राज्य के पतन के साथ-साथ इनकी सामाजिक स्थिति गिरने लगी और धीरे-धीरे तवायफें वेश्यावृत्ति की ओर धकेली गईं। यह समय Red Light Area के प्राचीन रूप का आधार बन गया।

औपनिवेशिक काल: प्रतिबंध और दबाव

ब्रिटिश शासन के दौरान कई जनजातियों और समुदायों को अपराधी घोषित किया गया, जिससे उनका आजीविका स्रोत खत्म हो गया। ऐसे में कई महिलाओं ने मजबूरी में देह व्यापार का रास्ता अपनाया।

ब्रिटिश सरकार ने वेश्यावृत्ति पर सामाजिक और कानूनी नियंत्रण के प्रयास किए। इस दौर में मुंबई का कमाठीपुरा और कोलकाता का सोनागाछी जैसे Red Light Area अस्तित्व में आए, जो आज एशिया के सबसे बड़े देह व्यापार केंद्रों में गिने जाते हैं।

आजीविका का साधन बना देह व्यापार

आज भी भारत के कुछ समुदायों और क्षेत्रों में देह व्यापार पारंपरिक पेशा बन चुका है। जैसे मध्य प्रदेश के बंचड़ा, उत्तर प्रदेश के नट, और गुजरात के वाडिया गांव में यह पेशा पीढ़ी दर पीढ़ी चलता आ रहा है।

गरीबी, अशिक्षा, अंधविश्वास, कम उम्र में शादी, और सामाजिक बहिष्कार जैसे कारणों से महिलाएं और लड़कियां Red Light Area में जाने को मजबूर होती हैं।

Red light Area

भारत के प्रमुख Red Light Area

भारत में कई प्रमुख Red Light Area हैं जो देह व्यापार के लिए कुख्यात हैं:

शहरRed Light Area का नामविशेषताएं
कोलकातासोनागाछीएशिया का सबसे बड़ा रेड लाइट एरिया, लगभग 11,000 सेक्स वर्कर
मुंबईकमाठीपुरा1795 से स्थापित, भारत के सबसे पुराने रेड लाइट क्षेत्र में शामिल
दिल्लीजीबी रोडराजधानी का प्रमुख रेड लाइट एरिया
पुणेबुधवार पेठनेपाली लड़कियों की भी बड़ी संख्या
ग्वालियररेशमपुरामध्य प्रदेश का प्रमुख केंद्र
प्रयागराजमीरगंजऐतिहासिक रेड लाइट एरिया
आगराकश्मीरी मार्केटउत्तर भारत का प्रमुख क्षेत्र
मेरठकबाड़ी बाजारयूपी का जाना-माना रेड लाइट एरिया
वाडिया (गुजरात)पारंपरिक रूप से देह व्यापार का केंद्र

इन क्षेत्रों में हर साल कई हजार करोड़ का कारोबार होता है, लेकिन ये आंकड़े अनौपचारिक और अस्पष्ट होते हैं क्योंकि यह व्यापार छुपे तौर पर होता है।

भारत में Red Light Area की कानूनी स्थिति

भारत में वेश्यावृत्ति (sex work) को पूरी तरह अवैध नहीं माना गया है। अनैतिक व्यापार (रोकथाम) अधिनियम 1956 (ITPA) के तहत निम्नलिखित बातें लागू होती हैं:

  • वेश्यावृत्ति करना खुद में गैरकानूनी नहीं है।
  • लेकिन वेश्यालय चलाना, दलाली करना, सार्वजनिक स्थानों पर ग्राहक बुलाना अवैध है।
  • कॉल गर्ल्स द्वारा नंबर सार्वजनिक करना, या विज्ञापन देना दंडनीय है।
  • सुप्रीम कोर्ट के 2022 के आदेश के अनुसार, सेक्स वर्क को भी पेशे का दर्जा दिया गया है और सेक्स वर्कर्स को अन्य पेशेवरों की तरह सम्मान और सुरक्षा मिलनी चाहिए।

इसलिए भारत में Red Light Area की स्थिति एक कानूनी धुंध में रहती है, जहां पेशा वैध है लेकिन उससे जुड़ी गतिविधियां अधिकतर अवैध मानी जाती हैं।

GB Road, Delhi

देह व्यापार का आर्थिक आकार

भारत में देह व्यापार एक अनौपचारिक लेकिन विशाल उद्योग है। अनुमान के अनुसार, भारत में 30 लाख से अधिक लोग इस पेशे से जुड़े हैं, जिनमें महिलाएं, किशोरियां और कुछ पुरुष भी शामिल हैं।

हालांकि सरकार की ओर से कोई सटीक आंकड़ा नहीं दिया गया है, लेकिन विभिन्न रिपोर्टों के अनुसार, यह उद्योग हजारों करोड़ रुपये के टर्नओवर तक पहुंचता है।

सोनागाछी, कमाठीपुरा और जीबी रोड जैसे बड़े Red Light Area में हर साल करोड़ों का लेन-देन होता है, लेकिन यह सब अनौपचारिक होता है।

Sonagachi

सामाजिक पक्ष और चुनौतियाँ

Red Light Area न केवल आर्थिक या कानूनी मसला है, बल्कि यह एक गहरी सामाजिक चुनौती भी है। इन क्षेत्रों में रहने वाली महिलाओं को समाज में हीन दृष्टि से देखा जाता है। वे हिंसा, शोषण और भेदभाव का सामना करती हैं।

हालांकि, सामाजिक संगठनों और न्यायालयों के प्रयासों से इन महिलाओं की स्थिति में सुधार की उम्मीद जगी है। सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले ने सेक्स वर्कर्स के अधिकारों को मान्यता दी है, जो भविष्य में बदलाव का मार्ग प्रशस्त कर सकता है।

निष्कर्ष

भारत में Red Light Area का इतिहास हजारों साल पुराना है, जिसकी जड़ें नगरवधु, देवदासी और तवायफ संस्कृति में मिलती हैं। आधुनिक भारत में यह एक कानूनी, सामाजिक और आर्थिक रूप से जटिल विषय बन चुका है।

कानून वेश्यावृत्ति को पूरी तरह अपराध नहीं मानता, लेकिन उससे जुड़ी अधिकांश गतिविधियों को अवैध मानता है। सुप्रीम कोर्ट के हालिया निर्देशों ने सेक्स वर्कर्स को पेशे का दर्जा और गरिमा देने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया है।

फिर भी, जब तक Red Light Area से जुड़े सामाजिक भेदभाव, अशिक्षा, गरीबी और मानव तस्करी जैसे मुद्दों का समाधान नहीं होता, तब तक यह विषय हमारी सामाजिक विवेचना का केंद्र बना रहेगा।

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